11 Backbone ISKCON Quotes in Hindi That Kills Your Distress

1. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita-18.66

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।

अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा श‍ुच: ॥

Samast Prakar ke Dharmon ka Parityag aur meri sharan me aao. Main samast papon se tumhara uddhar kar dunga. Daro mat.

Sri Krishna yeh Bhagavad Gita ke aakhri chapter mein kehtein hain. Yeh bahut badi baat hai.

Aap thoda dhyaan se socho?

Bhagavan yahan sabhi prakar ke dharmon ka tyag karne ko keh rahein hain. Yeh thoda ulta lagta hai?

Nahi kya?

Lekin yahi hai actual spiritual life ka success formula. Duniyan mein kai prakar ke dharm hain. Kabhi hume apne job ka dharm nibhana padta hai, kabhi family ka, aise kai dharm hain.

Chinta mat karo, yahan Bhagvaan job ya family chodne ke liye nahi keh rahe.

Ve yahan un sabhi dharmon ka tyag karne ko keh rahe hai, jo Bhagavan Shri Krishna ke Sharanagati lene mein ek rukavat hai.

Aage jaane ke liye Srimad Bhagavad Gita Yatharoop mei is shlok ka tatparya padhein.

2. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 2.13

देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा ।

तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति ॥ 

जिस प्रकार शरीरधारी आत्मा इस (वर्तमान) शरीर में बाल्यावस्था से तरूणवस्था में और फिर वृद्धावस्था में निरंतर अग्रसर होता रहता है, उसी प्रकार मृत्यु होने पर आत्मा दूसरे शरीर में चला जाता है | धीर व्यक्ति ऐसे परिवर्तन से मोह को प्राप्त नहीं होता |
श्रीमद्भगवद गीता २.१३.
Tweet

Yahan Bhagavad Shri Krishna bata rahe hai ki aap ka sharir nirantar parivartit hota rehta hai.

Yeh baat aap khud hi dekh sakte ho. Aap pehle ek nanhe munhe chotte se shishu ke rup mei aaye the. Phir aap bade hokar ek balak ya balika ka rup liya.

Phir yuva rup dharan kiya aur issi tarah aage vriddha avastha bhi nischit hai.

Aur yeh parivartan hum sabhi mei dekh sakte hai. Halaki, hamara sharir sada parivartit hota aaya hai, lekin aap to wahi ho.

To jo parivartit nahi hua – woh aatma hai, jo hamare bheetar hai – jiske karan sab kuch chal raha hai

Aur jo parivartit ho raha hai – woh sharir hai, jiska koi sthaiyi rup nahi, magar aatma kabhi nahi badalti

Aage jaane ke liye Srila Prabhupada dvara anuvadit Bhagavad Gita Yatharoop padhe, isse aapko, Bhagavad Gita ka asal gyan jald hi prapt ho jayega.

Bhagavad-Gita-Quotes-in-Hindi-2.13-2

3. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 4.9

Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 4.9

जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः ।

त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन ॥

हे अर्जुन ! जो मेरे आविर्भाव तथा कर्मों की दिव्य प्रकृति को जानता है, वह इस शरीर को छोड़ने पर इस भौतिक संसार में पुनः जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे सनातन धाम को प्राप्त होता है |
श्रीमद्भगवद गीता ४.९
Tweet

4. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 7.19

बहूनां जन्मनामन्ते ज्ञानवान्मां प्रपद्यते ।

वासुदेव: सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभ: ॥

अनेक जन्म-जन्मान्तर के बाद जिसे सचमुच ज्ञान होता है, वह मुझको समस्त कारणों का कारण जानकर मेरी शरण में आता है | ऐसा महात्मा अत्यन्त दुर्लभ होता है |
श्रीमद्भगवद गीता ७.१९
Tweet
Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 7.19

5. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 7.14

दैवी ह्येषा गुणमयी मम माया दुरत्यया ।

मामेव ये प्रपद्यन्ते मायामेतां तरन्ति ते ॥ १४ ॥

प्रकृति के तीन गुणों वाली इस मेरी दैवी शक्ति को पार कर पाना कठिन है | किन्तु जो मेरे शरणागत हो जाते हैं, वे सरलता से इसे पार कर जाते हैं |
श्रीमद्भगवद गीता ७.१४
Tweet

6. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 18.54

ब्रह्मभूत: प्रसन्नात्मा न शोचति न काङ्क्षति ।

सम: सर्वेषु भूतेषु मद्भ‍‍क्तिं लभते पराम् ॥ ५४ ॥

इस प्रकार जो दिव्य पद पर स्थित है, वह तुरन्त परब्रह्म का अनुभव करता है और पूर्णतया प्रसन्न हो जाता है | वह न तो कभी शोक करता है, न किसी वस्तु की कामना करता है | वह प्रत्येक जिव पर समभाव रखता है | उस अवस्था में वह मेरी शुद्ध भक्ति को प्राप्त करता है |
श्रीमद्भगवद गीता १८.५४
Tweet
Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 18.54

7. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 7.15

Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 7.15

न मां दुष्कृतिनो मूढा: प्रपद्यन्ते नराधमा: ।

माययापहृतज्ञाना आसुरं भावमाश्रिता: ॥ 

जो निपट मुर्ख हैं, जो मनुष्यों में अधम हैं, जिनका ज्ञान माया द्वारा हर लिया गया है तथा जो असुरों की नास्तिक प्रकृति को धारण करने वाले हैं, ऐसे दुष्ट मेरी शरण ग्रहण नहीं करते |
श्रीमद्भगवद गीता ७.१५
Tweet

8. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 3.27

प्रकृतेः क्रियमाणानि गुणैः कर्माणि सर्वशः ।

अहङ्कारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते ॥ 

जीवात्मा अहंकार के प्रभाव से मोहग्रस्त होकर अपने आपको समस्त कर्मों का करता मान बैठता है, जब कि वास्तव में वे प्रकृति के तीनों गुणों द्वारा किये जाते हैं |
श्रीमद्भगवद गीता ३.२७
Tweet
Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 3.27

9. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 18.61

ईश्वर: सर्वभूतानां हृद्देशेऽर्जुन तिष्ठति ।

भ्रामयन्सर्वभूतानि यन्‍त्रारूढानि मायया ॥

हे अर्जुन ! परमेश्वर प्रत्येक जिव के ह्रदय में स्थित हैं और भौतिक शक्ति से निर्मित यन्त्र में सवार की भाँति बैठे समस्त जीवों को अपनी माया से घुमा (भरमा) रहे हैं |
श्रीमद्भगवद गीता १८.६१
Tweet
Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 18.61

10. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 15.15

Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 15.15

सर्वस्य चाहं हृदि सन्निविष्टो मत्त: स्मृतिर्ज्ञानमपोहनं च ।

वेदैश्च सर्वैरहमेव वेद्यो वेदान्तकृद्वेदविदेव चाहम् ॥ 

मैं प्रत्येक जिव के ह्रदय में आसीन हूँ और मुझ से ही स्मृति, ज्ञान तथा विस्मृति होती है | मैं ही वेदों के द्वारा जानने योग्य हूँ | निस्सन्देह मैं वेदान्त का संकलनकर्ता तथा समस्त वेदों का जानने वाला हूँ |
श्रीमद्भगवद गीता १५.१५
Tweet

11. ISKCON Quotes in Hindi – Bhagavad Gita – 18.65

मन्मना भव मद्भ‍क्तो मद्याजी मां नमस्कुरु ।

मामेवैष्यसि सत्यं ते प्रतिजाने प्रियो`ऽसि मे ॥

सदैव मेरा चिन्तन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी पूजा करो और मुझे नमस्कार करो | इस प्रकार तुम निश्चित रूप से मेरे पास आओगे | मैं तुम्हें वचन देता हूँ, क्योंकि तुम मेरे परम प्रिय मित्र हो |
श्रीमद्भगवद गीता १८.६५
Tweet
Bhagavad Gita Quotes in Hindi - 18.65

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *